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बजट 2023-24 | Budget 2023-24 | Budget 2023 in hindi

वित्तीय बजट 2023-24 अमृत काल का पहला बजट है यह वित्तीय बजट 2023-24 हमारे देश को विकास में नई दिशा प्रदान करेगी।

1 फरवरी 2023-24 को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5वाँ आम बजट पेश किया। इस बजट में कई बदलाव भी हमें देखने को मिल रहे हैं इसमें समाज के हर वर्ग को राहत देने एवं राजकोषीय घाटे को नियंत्रण करने एवं अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कई सारे प्रावधान किए गए हैं।

वित्त मंत्री ने प्रौद्योगिकी संचालित व ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था का लक्ष्य पाने के लिए तीन  दृष्टिकोण को महत्वपूर्ण पहलू बताया:-

  1.  युवा वर्ग पर विशेष ध्यान देते हुए नागरिकों के लिए अवसर।
  2.  रोजगार सृजन को मजबूत गति देना।
  3.  सुदृढ़-स्थिर बृहद आर्थिक वातावरण।

आइए हम इस आम बजट के मुख्य पहलुओं को बिंदुवार तरीके से  जानने का प्रयास करेंगे:-

बजट 2023-24

बजट की सात विशेषताएं ( सप्तऋषि )

इस वित्तीय बजट की  मुख्यतः सात विशेषताएं हैं जिसे सप्तऋषि भी कहा गया

  1.  समावेशी विकास ( सबका साथ सबका विकास )
  2. अंतिम छोर पर खड़े लोगों तक पहुंचना
  3. इंफ्रास्ट्रक्चर व विनिवेश
  4. क्षमता को उजागर करना
  5. हरित विकास
  6.  युवा शक्ति
  7.  वित्तीय क्षेत्र

समावेशी विकास

इसके अंतर्गत सरकार 20,00,000 करोड़ रुपये कृषि व सहकारिता के क्षेत्र में ऋण देने का लक्ष्य निर्धारित किया है और इसके साथ ही स्टार्टअप और भंडारण को भी बढ़ावा देना है।

समावेशी विकास के अंदर सबका साथ सबका विकास को देखते हुए कृषि और सहकारिता के क्षेत्र में निम्नलिखित प्रयोजन किया गया है:-

कृषि और सहकारिता

  •  किसानों के लिए सुलभ समावेशी और शिक्षाप्रद समाधान हेतु डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना का निर्माण।
  •  ग्रामीण क्षेत्रों में नवाचार स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि गति वर्धन कोष की स्थापना।
  •  उच्च मूल्य की बागवानी फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए ए एन बी बगवानी स्वच्छ पौध कार्यक्रम की शुरुआत।
  •  भारत को मिलेट ( मोटे अनाज ) का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए एवं ‘श्री अन्न’ अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए IIMR (भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान) हैदराबाद को उत्कृष्टता केंद्र बनाया जाएगा और मोटे अनाज का नाम अब ‘श्री अन्न’ कर दिया गया है
  •  पशुपालन, डेयरी कार्य और मत्स्यिकी क्षेत्र को 20,00,000 करोड़ का ऋण आवंटन।
  •  उपयुक्त समय पर फसल को बिक्री करने में किसानों को सामर्थ बनाकर उनका आय बढ़ाने के लिए व्यापक रूप से उपलब्ध भंडारण क्षमता की स्थापना।
  • सरकार अगले 5 वर्षों में पंचायतों में बड़ी संख्या में बहुउद्देशीय सहकारी सोसाइटियों, प्राथमिक मत्स्यन सोसायटीयों और डेयरी सहकारी सोसाइटियों की स्थापना करने हेतु सुविधा प्रदान करेगी।
  • कमजोर जनजातीय समूहों की स्थिति में सुधार लाने के लिए प्रधानमंत्री आदिम कमजोर जनजातीय समूह विकास मिशन शुरू किया जा रहा है।

स्वास्थ्य

  •  157 नए नर्सिंग कॉलेज की शुरुआत की जाएगी।
  •   फार्मास्यूटिकल विकास अनुसंधान को बढ़ावा हेतु नया कार्यक्रम की शुरुआत होगी।
  •  एनीमिया के खिलाफ राष्ट्रीय अभियान ‘सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन 2047’ की शुरुआत करना।
  • ICMR की चुनिंदा प्रयोगशालाओं में सुविधाओं के जरिए सरकारी और निजी संयुक्त चिकित्सा अनुसंधान को बढ़ावा देना।

शिक्षा और कौशल विकास

  •  हर जिले के शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थानों के जरिए शिक्षक प्रशिक्षण का पुनरुद्धार करना।
  •  बच्चों व किशोरों के लिए राष्ट्रीय स्तर का डिजिटल पुस्तकालय की स्थापना करना।
  •  ग्राम पंचायत और वार्ड स्तरों पर भी पुस्तकालय खोलने हेतु राज्यों को प्रोत्साहित करना।
  • युवाओं को सशक्त बनाने और अमृत काल को साकार करने के लिए महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय प्रशिक्षु (अप्रेंटिस) प्रोत्साहन योजना के तहत 47 लाख युवाओं को वित्तीय सहायता प्रदान किया जाएगा।
  •  शिक्षा बजट में 8% की वृद्धि किया गया है।

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अंतिम छोर पर खड़े लोगों तक पहुंचना

वित्तीय बजट 2023-24 में सरकार हमारे भारत देश के हर परिवार तक पहुंचने का प्रयास की है इसमें सरकार का उद्देश्य है कि आखरी छोर पर खड़े लोगों तक भी उनकी योजनाओं का पहुंच हो और लोग सरकार की सुविधाओं का लाभ ले सकें।

  • 5943 करोड़ रुपये एकलव्य स्कूलों को देने की योजना।
  •  प्रधानमंत्री पी वी टी जी विकास मिशन का शुरूआत करना।
  •  कर्नाटक के सूखा संभावित क्षेत्र में धारणीय सूक्ष्म सिंचाई हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करना।
  •  740 एकलव्य आदर्श आवासीय स्कूलों के लिए अधिकाधिक शिक्षकों की भर्ती करना।
  •  प्राचीन पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण के लिए ‘भारत श्री’ की स्थापना।

इंफ्रास्ट्रक्चर एवं विनिवेश

 हमारे देश के विकास के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर एवं विनिवेश भी काफी महत्वपूर्ण है इस वित्तीय बजट में सरकार इस बात को ध्यान में रखते हुए 10,00,000 करोड़ रुपये पूंजीगत निवेश करने का मन बनाई है जो कि पिछले साल के मुकाबले 33% ज्यादा है।

 इसके साथ ही और कई मुख्य बिंदुओं पर भी ध्यान दिया गया है

  •  अवसंरचना आओ उत्पादन क्षमता में निवेश बढ़ाने हेतु दोगुने प्रभाव से विकास और रोजगार में वृद्धि।
  •  पूंजीगत निवेश परिव्यय को 33.4% बढ़ाकर 1000000 करोड़ करना।
  •  इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकारों को 50 वर्ष तक ब्याज रहित ऋण जारी करना।
  •  रेलवे के लिए 2.4 लाख करोड़ का अब तक का सबसे ज्यादा पूंजीगत व्यय।
  •  पत्तन (बंदरगाहों)का कोयला, इस्पात, उर्वरक क्षेत्र के लिए एंड टू एंड कनेक्टिविटी हेतु निर्दिष्ट 100 परिवहन अवसंरचना परियोजनाओं का शुरुआत।
  •  यू आई डी एफ की स्थापना कर श्रेणी 2 और श्रेणी 3 शहरों में इंफ्रास्ट्रक्चर का सृजन करना।

रेलवे/हवाई

  •  प्रीमियम ट्रेनों में 1,000 से अधिक डिब्बे जोड़े जाएंगे एवं आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा।
  •  रेलवे में 202324 में 70 फ़ीसदी की बढ़ोतरी के साथ 2.40 लाख करोड़ रूपया खर्च होंगे।
  •  रेलवे स्टेशनों को मेट्रो से जोड़ा जाएगा। 35 हाइड्रोजन ईंधन आधारित ट्रेनें शुरू की जाएंगी एवं 500 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाने का लक्ष्य हासिल किया जाएगा इसके साथ ही आधुनिक स्टेशन बनाने के लिए 75,000 करोड़ की घोषणा की गई।
  •  19,518 करोड़ रुपया मेट्रो परियोजनाओं में खर्च किए जाएंगे।
  •  500 नए हवाई अड्डे की शुरुआत होगी।

 रक्षा क्षेत्र/अंतरिक्ष तकनीक

  •  रक्षा बजट में 13 फ़ीसदी की बढ़ोतरी के साथ 5.94 लाख करोड़ खर्च किए जाएंगे।
  •  हथियार खरीदने और सैन्य आधुनिकीकरण में विशेष ध्यान दिया जाएगा।
  • 9,440.66 करोड़ रूपया अंतरिक्ष तकनीक पर खर्च होंगे और1,558.95 करोड़ रूपया अंतरिक्ष एप्लीकेशन पर खर्च होंगे।
  •  अग्नि वीरों को दी जाने वाली राशि को कर मुक्त किया जाएगा।

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क्षमता को उजागर करना

सरकार ने युवाओं की क्षमता को उभारने के लिए एवं युवाओं में प्रोत्साहन बढ़ाने के लिए उपाय और उनके संभावित परिणाम को भी रेखांकित किया है:-

  •  ए आई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) केंद्रों की स्थापना द्वारा कृषि स्वास्थ्य और धारणीय शहरों में ए आई आधारित समाधान।
  •  राष्ट्रीय डेटा शासन नीति की शुरुआत से स्टार्टअप्स और अकादमिक द्वारा अनुसंधान के लिए बेनामी डाटा तक पहुंच संभव बनाना।
  •  विवाद से विश्वास I :- MSME के लिए लचीला नियम निष्पादन द्वारा कोविड अवधि में प्रभावित MSME को राहत।
  •  विवाद से विश्वास II :-  सुगम एवं मानकीकृत समाधान स्कीम द्वारा सरकार और सरकारी उपक्रमों के संविदात्मक विवादों का तेजी से निपटारण।
  •  कारगर न्याय प्रशासन के लिए ई-कोर्ट परियोजना का चरण 3 की शुरुआत।
  •   व्यावसायिक उद्यमों और धार्मिक न्यासों के उपयोग हेतु एनटीटी डिजिलॉकर की स्थापना द्वारा व्यवसायिक परितंत्र के साथ दस्तावेजों को सुरक्षित ऑनलाइन संकलन और साझा करने को सरल बनाना।
  •  5 जी सेवा आधारित एप्लीकेशन के विकास के लिए 100 प्रयोगशालाओं की स्थापना द्वारा रोजगार की संभावनाओं और व्यवसायों के अवसरों का उपयोग करना।
  •  प्रयोगशाला में निर्मित हीरा क्षेत्र के लिए अनुसंधान और विकास अनुदान द्वारा घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करके आयात पर निर्भरता कम करना है
  • पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान- पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए सहायता पैकेज दी जाएगी।

हरित विकास

हरित विकास की रूपरेखा बनाते हुए वित्तीय बजट 2023-24 में सरकार ने कई बातों पर अपना ध्यान केंद्रित किया है:-

  •  हरित ऋण कार्यक्रम के द्वारा संभरणीय कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए ईपीए के तहत अधिसूचित किया जाना है।
  •  “पी एम प्रणाम” की शुरुआत- राज्यों एवं संघ राज्य क्षेत्रों को वैकल्पिक उर्वरकों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए इसकी शुरुआत की गई है। इसके तहत पृथ्वी के पुनरुद्धार के प्रति जागरूकता, पोषण और सुधार के लिए रासायनिक उर्वरकों के कम से कम व संतुलित इस्तेमाल के अलावा उनके स्थान पर वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग को के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
  •  अवशिष्ट संयंत्र की शुरुआत- गोबरधन (गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज धन) योजना के तहत 10000 करोड़ से 500 नए सामुदायिक अवशिष्ट संयंत्र की स्थापना होगी। इसमें से 200 कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट और 300 सामुदायिक प्लांट होंगे। इससे किसानों एवं ग्रामीण परिवारों को आर्थिक लाभ पहुंचा कर उनका जीवन और बेहतर बनाया जाएगा।
  • संभरणीय परितंत्र विकास- रेखा के साथ-साथ मैंग्रोव पौधारोपण के लिए ‘मिष्टी’ नाम से एक योजना की शुरुआत की जाएगी। इससे मैंग्रोव तटों के परिस्थितिकी तंत्र को ना केवल संरक्षित करते हैं बल्कि चक्रवाती तूफानों का नुकसान को भी कम करते हैं।

युवा शक्ति

हमारे देश में युवा शक्ति काफी ज्यादा है बस उस युवा शक्ति को रास्ता दिखाने की जरूरत है इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने वित्तीय बजट 2023-24 में युवा शक्ति को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाओं को कार्यान्वयन करने का प्लान किया है:-

  •  युवाओं को सशक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय प्रशिक्षु प्रोत्साहन योजना के तहत 47,00,000 युवाओं को वित्तीय सहायता प्रदान किया जाएगा।
  •  30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर की स्थापना की जाएगी।
  •  एकीकृत स्किल इंडिया डिजिटल प्लेटफॉर्म की स्थापना की जाएगी।
  •  पी एम कौशल विकास योजना 4.0 की शुरुआत की जाएगी।
  •  पी एम कौशल विकास योजना में कई विषयों को शामिल किया गया है- कोडिंग, आर्टिफिशियल, इंटेलिजेंस रोबोटिक्स, मेकाट्रॉनिक्स, आई ओटी, 3D प्रिंटिंग, ड्रोन इत्यादि।
  •  पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने हेतु 50 गंतव्यों को विकसित किया जाना है।
  •  यूनिटी मॉल स्थापित करने के लिए राज्यों को प्रोत्साहित किया जाएगा।

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वित्तीय क्षेत्र

बजट में वित्तीय क्षेत्र लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है क्योंकि यह वह क्षेत्र है जिसमें जनता को सीधा प्रभावित करती है। इसलिए इस क्षेत्र में लोग सरकार से कुछ पाने की उम्मीद लगाए रखते हैं।

इस वित्तीय बजट में सरकार वित्तीय क्षेत्र में काफी कुछ देने का मन बनाई हुई है

  •  ऋण देने में दक्षता लाना, वित्तीय समावेशन और वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री की स्थापना की जाएगी।
  •  कंपनी अधिनियम के तहत प्रशासनिक कार्य के निष्पादन में तेजी लाने के लिए केंद्रीय डाटा संसाधन केंद्र की स्थापना की जाएगी।
  •  2,00,000 करोड़ का अतिरिक्त संपार्श्विक मुक्त गारंटी युक्त ऋण प्रदान करने के लिए संवर्धित स्कीम के तहत काॅपर्स निधि का विस्तार।
  •  महिलाओं के लिए दो लाख तक की राशि जमा करने की सुविधा के साथ 2 वर्ष की अवधि के लिए नई लघु बचत योजना का प्रावधान।
  •  वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिए अधिकतम जमा राशि को 15,00,000 से बढ़ाकर 30,00,000 की जाएगी।
  • रक्षा पेंशन के लिए अलग से 138205 करोड़ की राशि आवंटित की गई है।

राजकोषीय प्रबंधन

  •   राज्यों को 50 वर्ष का ब्याज मुक्त ऋण का प्रावधान।
  •  राज्यों के लिए राजकोषीय घाटा GSDP का 3.5%  किया गया है।
  •  वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को 4.5% से नीचे रखने का लक्ष्य है।

कर प्रस्ताव

अप्रत्यक्ष कर प्रस्ताव

  • अप्रत्यक्ष कर को सरल बनाया गया है जिससे कई लाभ होंगे जैसे- उच्चतर निर्यात, उच्चतर घरेलू विनिर्माण, अर्थव्यवस्था में अधिक मूल्यवर्धन एवं हरित ऊर्जा और गतिशीलता।
  •  सीमा शुल्क में परिवर्तन- कई चीजों पर सीमा शुल्क में परिवर्तन की गई है जैसे- लिथियम आयन बैट्री विनिर्माण के लिए पूंजीगत वस्तुओं के आयात- पर्यावरण के हितों की रक्षा। मोबाइल कैमरा लेंस के आयात- मूल्यवर्धन में वृद्धि। डी नैचर्ड इथाइल अल्कोहल- रसायन उद्योगों के लिए। श्रिम्प आहार उत्पादन के लिए मुख्य इनपुट- समुद्री निर्यातों के लिए। कॉपर स्क्रैप पर रियायती बुनियादी सीमा शुल्क जारी रखना- एम एस एम ई के लिए कच्चे माल की उपलब्धता बढ़ाना। प्रयोगशाला निर्मित हीरो के विनिर्माण के लिए बीज- निर्यात संवर्ध्दन। मिश्रित रबर, प्राकृतिक रबर के बराबर लाने के लिए- शुल्क अपवंचन को रोकने के लिए।

प्रत्यक्ष कर प्रस्ताव

  •  करदाताओं के पोर्टल पर 45% विवरणियों को 24 घंटों के भीतर संसाधित किया जाएगा।
  •  आवश्यक संसाधन अवधि 8 वर्षों में 93 दिन से घटकर 16 दिन रह गई।
  •  इस साल 6.5 करोड़ से अधिक विवरणियों को संसाधित किया गया।

आयकर

आय पर कर मुक्ति

  •  पहले सालाना 7 लाख की कमाई पर व्यक्ति को ₹32,500 ₹ रुपये कर देना पड़ता था अब इस पर कोई कर का भुगतान नहीं करना पड़ेगा।
  •  9 लाख की आय पर करदाताओं को पहले 60 हजार देने होते थे अब 45 हजार देना होगा अर्थात 15 हजार रुपए का लाभ मिलेगा।
  •  अब 15 लाख की आय पर 1.5 लाख रुपये टैक्स देने होंगे पहले 1.87 लाख रुपये देने होते थे अर्थात 37 हजार रुपए की बचत होगी।

आयकर की नई प्रणाली को डिफॉल्ट किया गया है अर्थात पहले से पुरानी कर प्रणाली का चयन न करने पर स्वतः नई कर प्रणाली लागू हो जाएगी।

5 करोड़ से ज्यादा की आय पर सरचार्ज 37% से घटाकर 25% कर दिया गया है। गैर सरकारी वेतन भोगी कर्मियों के लिए सेवानिवृत्ति पर छुट्टी एवं नगदीकरण पर छूट की सीमा बढ़ाकर 25 लाख की गई है।

नया आयकर स्लैब

  • 3 लाख रुपये तक ————————– 0%
  • 6-7 लाख ———————————- 5%
  • 6-9 लाख ———————————- 10%
  • 9-12 लाख ——————————– 15%
  • 12-15 लाख ——————————- 20%
  • 15 लाख से ज्यादा ————————– 30%

1 अप्रैल 2023 से 5 लाख या इससे अधिक की जीवन बीमा की परिपक्वता राशि पर कर देना होगा एवं इससे नीचे की परिपक्वता राशि कर मुक्त रहेगी।

उद्योगों के लिए कर लाभों का सरलीकरण

  •  प्रकल्वित कराधान के लाभ प्राप्त करने के लिए सूक्ष्म उद्यमों एवं व्यवसायिकों के लिए सीमा बढ़ाना एवं 95% प्राप्तियां नकद रहित होंगी।
  •  एम एस एम ई को किए गए भुगतान पर कटौती की अनुमति वास्तविक रूप से किए गए भुगतान पर ही दी जाएगी।
  •  31 मार्च 2024 तक विनिर्माण शुरू करने वाले नई सहकारी समितियों को 15% कॉर्पोरेट कर का लाभ देना।
  •   पी ए सी एस और पी सी ए आर डी बी द्वारा नगद में जमा एवं ॠण के लिए प्रति सदस्य 2 लाख की उच्चतर सीमा।
  •  सहकारी समितियों के लिए नगद निकासी पर टीडीएस के लिए 3 करोड़ की उच्चतर सीमा।
  •   स्टार्टअप के लिए आयकर लाभ हेतु निगमन की तारीख का 1 वर्ष तक विस्तार।
  •  स्टार्टअप की शेयर धारिता को निगमन के 7 वर्ष से 10 वर्ष में परिवर्तित करने पर हुई हानि को अग्रेनीत करने का लाभ।
  •  केंद्र अथवा राज्य के संविधि द्वारा स्थापित प्राधिकरणों,बोर्डों एवं आयोगों की आय को कुछ क्षेत्रों में आयकर की छूट।
  •  31 मार्च 2025 तक आई एफ एस सी, जी आई एफ टी सिटी को धनराशि को पुनः अंतरित करने के लिए कर लाभों की अवधि का विस्तार।

अन्य पहलें

  • राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के लिए 19700 करोड़ रुपया दिया जाएगा। जो अर्थव्यवस्था को कम कार्बन तीव्रता में संक्रमण की सुविधा प्रदान करेगा और लक्ष्य है 2030 तक 5 MMT वार्षिक उत्पादन तक पहुंचना।
  •  बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों को बढ़ावा देना।
  •  पवन ऊर्जा को बढ़ावा देना।
  •  भारतीय प्राकृतिक खेती बायो-इनपुट रिसोर्स सेंटर की स्थापना।
  •  प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों को बदलने के लिए निधियों का आवंटन।
  •  पी पी पी मॉडल से कपास की उत्पादकता को और बेहतर बनाने के लिए क्लस्टर बेस्ट और वैल्यू चेन अप्रोच को अपनाया जाएगा।
  •  1.6 लाख रुपया हुई कृषि ऋण सीमा।
  •  एक प्लेटफार्म पर खेती किसानी की पूरी जानकारी दी जाएगी।
  •  मीठी क्रांति से शहद उत्पादन 42 लाख मेट्रिक टन पहुंचाने का लक्ष्य।
  • कृषि त्वरक कोष की स्थापना।
  •  पीएम मत्स्य संपादन योजना के तहत मछली पालन के लिए आकर्षक योजनाओं का प्रबंधन।
  •  कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा के लिए 2023-24 के लिए 9.504 करोड़ दिए गए हैं।
  •  जैविक खेती व कृषि स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं का प्रावधान किया गया है।
  • किसानों को 20 लाख करोड़ ॠण बांटने का लक्ष्य।

निष्कर्ष

निष्कर्षतः हम यह कह सकते हैं कि सरकार वित्तीय बजट 2023-24 में काफी कुछ नया और बेहतर चीजें जनता को देने का प्रयास की है जिससे कि जनता का समावेशी विकास हो सके।

हमारे देश को वैश्विक पटल पर आगे ले जाने के लिए इस बजट के द्वारा हर संभव प्रयास किया गया है इस वित्तीय बजट में हर क्षेत्र को छूने का पूरा प्रयास किया गया है

लघु तथा बड़े उद्योगों के विकास के लिए भी कई नीतियां बनाई गई है इसके साथ ही करदाताओं को भी काफी राहत दिया गया है।

अतः हम कह सकते हैं कि यह अमृत काल का अमृत बजट है।

अधिक जानकारी के लिए सरकारी वेबसाइट में जाएं।

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